मेमोरी क्या है What is Memory
मेमोरी कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसका काम डेटा और निर्देशों को कंप्यूटर सिस्टम में स्टोर करना होता है
मेमोरी कितने प्रकार की होती है
कंप्यूटर में कई प्रकार की मेमोरी होती है, जो निम्नलिखित हैं:
प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) या रैम (RAM): यह कंप्यूटर की प्रमुख मेमोरी होती है और एक उच्च गति वाली प्रक्रिया का भंडारण करती है। इसमें चल रहे कार्यक्रम, डेटा और इंटरनेट ब्राउज़र आदि संग्रहीत होते हैं। रैम वोलेटिल (Volatile) होती है, यानी जब कंप्यूटर को बंद कर दिया जाता है, तो इसमें संग्रहित सभी डेटा हट जाता है।
सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory) या स्टोरेज: यह मेमोरी लंबे समय तक डेटा संग्रहीत रखने की क्षमता रखती है। हार्ड डिस्क, सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD), पेन ड्राइव, CD/DVD आदि सेकंडरी मेमोरी के उदाहरण हैं। यह मेमोरी वोलेटिल नहीं होती है, इसलिए इसमें संग्रहित डेटा कंप्यूटर की बंद करने के बाद भी सुरक्षित रहता है।
केश (Cache) मेमोरी: यह तेजी से एक्सेस की जाने वाली मेमोरी है जो प्राथमिक मेमोरी के पास स्थापित होती है। केश मेमोरी में डेटा संग्रहित होने के कारण प्रोसेसर को डेटा तक पहुंचने में कम समय लगता है, जिससे कंप्यूटर की कार्यता और प्रदर्शन में सुधार होता है। केश मेमोरी प्रकारों का उद्देश्य प्रोसेसर की कार्यक्षमता को बढ़ाना है।
इन सभी मेमोरी प्रकारों का उद्देश्य प्रोसेसर की कार्यक्षमता को बढ़ाना है।
कंप्यूटर मेमोरी, या रैम (Random Access Memory), कंप्यूटर सिस्टम में डेटा, इंस्ट्रक्शन्स, और कार्यक्रमों को संग्रहीत करने के लिए उपयोग होती है। यह कंप्यूटर की प्राथमिक मेमोरी होती है और प्रोसेसर के साथ तेजी से संचालन करने में मदद करती है।
वोलेटिल और नॉन-वोलेटिल मेमोरी:
वोलेटिल मेमोरी (Volatile) : रैम वोलेटिल मेमोरी होती है, जिसका अर्थ है कि जब कंप्यूटर को बंद किया जाता है, तो इसमें संग्रहित सभी डेटा हट जाता है।
नॉन-वोलेटिल मेमोरी (Non-Volatile) : इसके बावजूद, सेकंडरी मेमोरी जैसे हार्ड डिस्क और SSD नॉन-वोलेटिल मेमोरी होती है, जिसमें डेटा को बंद करने के बाद भी संग्रहित रखा जाता है।
प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) दो प्रकारकी होती है:
रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory - RAM): रैम कंप्यूटर की प्रमुख मेमोरी होती है और एक उच्च गति वाली प्रक्रिया का भंडारण करती है। यह कंप्यूटर में चल रहे कार्यक्रम, डेटा, और इंटरनेट ब्राउज़र आदि को संग्रहीत करती है। रैम वोलेटिल (Volatile) होती है, यानी जब कंप्यूटर को बंद कर दिया जाता है, तो इसमें संग्रहित सभी डेटा हट जाता है। रैम के उप-प्रकारों में शामिल होते हैं:
- स्टैटिक रैम (Static RAM - SRAM): इसमें डेटा संग्रहित रहने के लिए फ्लिप-फ्लॉप्स का उपयोग किया जाता है, और यह तेजी से पहुंच योग्य होती है।
- डायनेमिक रैम (Dynamic RAM - DRAM): इसमें डेटा संग्रहित रहने के लिए कैपेसिटर्स का उपयोग किया जाता है, और यह नियमित अंतरालों पर रीफ्रेश होने की आवश्यकता होती है।
रीड ओनली मेमोरी (Read-Only Memory - ROM): रीड ओनली मेमोरी (Read-Only Memory - ROM) एक प्रकार की प्राथमिक मेमोरी होती है जिसमें डेटा केवल पढ़ा जा सकता है और उसे लिखा नहीं जा सकता है। यह मेमोरी चिप्स के रूप में तैयार की जाती है और उन्हें कंप्यूटर की माता-पिता संग्रहीत किया जाता है, इसलिए यह "पढ़ने के लिए" मेमोरी के रूप में जानी जाती है।
ROM मेमोरी में डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित किया जाता है और यह डेटा संग्रहित रखने के लिए विद्युतीय रूप में पावर सप्लाई की आवश्यकता नहीं होती है। ROM मेमोरी को मनुष्य द्वारा प्रोग्राम करना या रीड ओनली डेटा को लिखना असंभव होता है।
ROM चिप्स उदाहरण रूप में बायोस (BIOS) दी जाती है, जो कंप्यूटर के प्रारंभिक बूट प्रक्रिया के लिए आवश्यक होती है। BIOS मेमोरी कंप्यूटर के साथ निरंतर रहती है और वहाँ संग्रहित निर्देशों को पढ़कर कंप्यूटर को प्रारंभ करने में मदद करती है।
रीड ओनली मेमोरी (ROM) तीन प्रकार की होती है:
PROM (Programmable Read-Only Memory): PROM एक प्रकार की ROM होती है जिसे प्रोग्राम करने के बाद ही डेटा को संग्रहित किया जा सकता है। PROM के डेटा बिट्स को बिना परिवर्तन किए एक बार प्रोग्राम किया जाता है और उसके बाद वह डेटा स्थायी रूप से संग्रहित रहता है। इसे बाद में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
EPROM (Erasable Programmable Read-Only Memory): EPROM एक प्रकार की ROM होती है जिसे प्रोग्राम किया जा सकता है और बाद में इसे मिटाया जा सकता है। इसे प्रोग्राम करने के लिए यूवी-प्रोमर (UV-Prommer) का उपयोग किया जाता है जिससे कि इसकी प्रोग्रामिंग होती है। इसे मिटाने के लिए यूवी प्रमिंगर में उच्च विकिरण का उपयोग किया जाता है।
EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read-Only Memory): EEPROM भी प्रोग्राम किया जा सकने और बाद में मिटाया जा सकने वाली ROM होती है, लेकिन इसे विद्युतीय रूप से मिटाया जा सकता है। EEPROM को डेटा प्रोग्राम करने और मिटाने के लिए विद्युतीय प्रोमर (Electrically EEPROM को प्रोमिंगर) का उपयोग किया जाता है।
मेमोरी काम कैसे करती है:
डेटा संग्रहीत करना (Storing data): मेमोरी प्रोसेसर द्वारा भेजे गए डेटा को संग्रहीत करती है। यह डेटा बाइनरी रूप में संग्रहित होता है, जिसमें 0 और 1 के बिट्स का उपयोग होता है।
पता द्वारा पहुंचना (Reach by address): हर एक मेमोरी सेल को एक अद्यतित क्रम संख्या से नत्थी किया जाता है, जिसे पता (address) कहा जाता है। प्रोसेसर पते के माध्यम से संबंधित मेमोरी सेल तक पहुंचता है और डेटा को पढ़ता या लिखता है।
डेटा अद्यतन (Data Processing): प्रोसेसर मेमोरी से डेटा पढ़ता है और उसे अद्यतित करता है, जिसमें गणनाओं, लॉजिक ऑपरेशन्स, और कार्यक्रम चलाने के लिए आवश्यक डेटा होता है। फिर, अद्यतित डेटा को मेमोरी में संग्रहित किया जाता है।
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